How Small thinking stops Growth कैसे आपकी छोटी सोच आपको जीवन में तरक्की करने से रोकती है

कैसे आपकी छोटी सोच आपको जीवन में तरक्की करने से रोकती है? 
How Small thinking stops Growth?

जीवन का सार
दोस्तो आज आप लोगो को एक विचारणीय कहानी सुनाने जा रहा हुँ। जो किसी बुजुर्ग द्वारा सुनाई गायी थी

👉एक राजा का जन्मदिन था। सुबह जब वह घूमने निकला तो उसने तय किया कि वह रास्ते में मिलने वाले सबसे पहले व्यक्ति को आज पूरी तरह से खुश व सन्तुष्ट करेगा।

 👉उसे एक भिखारी मिला भिखारी ने राजा से भीख मांगी तो राजा ने भिखारी की तरफ एक तांबे का सिक्का उछाल दिया। सिक्का भिखारी के हाथ सें छूट कर नाली में जा गिरा।भिखारी नाली में हाथ डालकर तांबे का सिक्का ढूंढने लगा।
 
👉राजा ने उसे बुलाकर दूसरा तांबे का सिक्का दे दिया,भिखारी ने खुश होकर वह सिक्का अपनी जेब में रख लिया और वापिस जाकर नाली में गिरा सिक्का ढूंढने लगा।राजा को लगा की भिखारी बहुत गरीब है,उसने भिखारी को फिर बुलाया और चांदी का एक सिक्का दिया,भिखारी ने राजा की जय-जयकार करते हुये चांदी का सिक्का रख लिया और फिर नाली में तांबे वाला सिक्का ढूंढने लगा।
राजा ने उसे फिर बुलाया और अब भिखारी को एक सोने का सिक्का दिया,भिखारी खुशी से झूम उठा और वापिस भागकर अपना हाथ नाली की तरफ बढाने लगा।

👉राजा को बहुत बुरा लगा,उसे स्वयं से तय की गयी बात याद आ गयी कि"पहले मिलने वाले व्यक्ति को आज खुश एवं सन्तुष्ट करना है।"उसने भिखारी को फिर से बुलाया और कहा की मैं तुम्हें अपना आधा राज-पाट देता हूँ, अब तो खुश व सन्तुष्ट हो जाओ।

भिखारी बोला-"सरकार!मैं तो खुश और संतुष्ट तभी हो सकूँगा, जब नाली में गिरा हुआ तांबे का सिक्का भी मुझे मिल जायेगा।
हमारा हाल भी उस भिखारी जैसा ही है,हमें परमात्मा ने मानव रुपी अनमोल खजाना दिया है और हम उसे भूलकर संसार रुपी नाली में तांबे के सिक्के निकालने के लिए जीवन गंवाते जा रहे हैं।

दोस्तो यह कहानी सुनने के बाद मुझे ऐसा लगा की यह Principle जो इस कहानी मे बताया गया है तकरीबन हर जगह इस्तेमाल होता है चाहे वह व्यापार हो या निजी जिन्दगी। 

•व्यापार मे कैसे यह Principle इस्तेमाल होता है?
दो तरह के व्यापारी होते है छोटे व्यापारी व बडे व्यापारी। जहां तक मैने देखा है छोटा व्यापारी बहुत ही छोटी - छोटी बातो पर ध्यान देता है। जैसे छोटा व्यापारी Retailer और बडा व्यापारी  Wholesaler.

Retailer के पास सबसे ज्यादा Variety होती हे मतलब हर छोटी चीज पर धयान केन्द्रित करना। Retailer हर उस चीज को रखना चाहता हे व बेचना चाहता हे जिसका ग्राहक उसकी दुकान पर शायद महीने मे एक बार आता हो।

Wholesaler के पास लिमिटेड Variety होती हे व उससे Quantity मे डील करता हे ना कि Variety मे।

•निजी जिन्दगी मे कैसे यह Principle इस्तेमाल होता है?
दोस्तो इस संसार मे एक से बडा एक सेठ हे लाखो की धन दौलत सहजे बैठे हे लेकिन छोटे-छोटे खर्चो पर ध्यान देता है जैसे महंगे रेस्टोरेंट के बिल पर ध्यान नही देना पर टिप पर हद से ज्यादा ध्यान देता है।



 

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